आलोचना >> शमशेर का अर्थ शमशेर का अर्थज्योतिष जोशी
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शमशेर जन्मशती के अवसर पर विशेष रूप से तैयार की गई ‘शमशेर का अर्थ’ मूर्धन्य हिन्दी कवि शमशेर बहादुर सिंह के काव्य-वैशिष्ट्य के मूल्यांकन की पुस्तक है। पूरी पुस्तक अपनी निर्मिति में शमशेर को एक ऐसे कवि के रूप में प्रस्तुत करती है जिनकी मूर्धन्यता ‘कविता’ को प्रतिष्ठित करने में है। यह कविता अर्थ के सरलीकरण से इनकार करती है और हमारी प्रतीति के आयतन का विस्तार भी। कविता की भाषा, उसमें प्रयुक्त बिम्ब, जीवन के गहरे और मार्मिक क्षणों के अंकन का कौशल तथा ‘जीवन’ को कविता और “कविता” को ही जीवन बना लेने की अनन्यता के कारण शमशेर की उपस्थिति का कोई विकल्प नहीं है। यह कविता प्रेम, सौन्दर्य, जीवन-राग, मानवीय-संघर्ष, मनुष्य के स्वाभिमान तथा अपार मानवीय करुणा की कविता है।
पूरी पुस्तक में शमशेर के वैशिष्ट्य के उपर्युक्त निर्दिष्ट पक्षों को विवेचित किया गया है तो उनकी कविताओं के अनसुलझे रहस्यों को खोलने की कोशिश भी की गयी है। पुस्तक में पाँच अध्याय हैं और सबमें एक संगति है – काव्य-सौन्दर्य, संवेदना, ऐन्द्रिय प्रेम, सामाजिक चेतना तथा कवि के काव्यगत निहितार्थों को समझाते हुए आलोचक ने यह तार्किक ढंग से दिखाया है कि शमशेर अपने पूरे ढब में एक समग्र मानवीय कवि हैं जिन्हें जाने बिना हम आधुनिक हिन्दी कविता को नहीं जान सकते।
उम्मीद करनी चाहिए कि शमशेर की कविताओं पर सर्वथा पहली बार इतने मनोयोग से लिखी गयी इस पुस्तक का न केवल स्वागत होगा बल्कि इस पुस्तक को शमशेर पर अनिवार्य आलोचना-कृति माना जाएगा।
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